गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
ज़माने से नाज़ अपने उठवानेवाले / आरज़ू लखनवी
15 bytes added
,
18:46, 9 नवम्बर 2009
|रचनाकार=आरज़ू लखनवी
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
ज़माने से नाज़ अपने उठवानेवाले।
मुहब्बत नहीं, आग से खेलना है।
लगाना पड़ेगा, बुझाना पड़ेगा॥
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits