भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दर्द आशोब / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 92: पंक्ति 92:
 
*[[तुम भी ख़फ़ा हो लोग भी बरहम हैं दोस्तो / फ़राज़]]
 
*[[तुम भी ख़फ़ा हो लोग भी बरहम हैं दोस्तो / फ़राज़]]
 
*[[तू कहाँ था ज़िन्दगी के रोज़ो-शब आँखों में थे / फ़राज़]]
 
*[[तू कहाँ था ज़िन्दगी के रोज़ो-शब आँखों में थे / फ़राज़]]
 +
*[[तिर्याक़ / फ़राज़]]
 +
*[[मुस्तक़िल महरूमियों पर भी तो दिल माना नहीं / फ़राज़]]
 +
*[[तू पास भी हो तो दिल बेक़रार अपना है / फ़राज़]]
 +
*[[जिससे ये तबीयत बड़ी मुश्किल से लगी थी / फ़राज़]]
 +
*[[किसी के तज़्क़िरे बस्ती में कू-ब-कू जो हुए / फ़राज़]]
 +
*[[मुझसे पहले / फ़राज़]]
 +
*[[करूँ न याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे / फ़राज़]]
 +
*[[अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम / फ़राज़]]
 +
*[[उतरी थी शहरे-गुल में कोई आतिशी किरन / फ़राज़]]
 +
*[[कोई भटकता बादल / फ़राज़]
 +
*[[कैसी तलब,और क्या अन्दाज़े, मुश्किल है तक़दीर बने / फ़राज़]]
 +
*[[अपनी मुहब्बत के अफ़साने कब तक राज़ बनाओगे / फ़राज़]]
 +
*[[ज़िन्दगी! ऐ ज़िन्दगी / फ़राज़]]
 +
*[[चन्द लम्हों के लिए तूने मसीहाई की / फ़राज़]]
 +
*[[ज़ो’म ऐसा क्या कि लुत्फ़े-यार ठुकराना पड़े / फ़राज़]]
 +
*[[अब न फ़ुर्सत है, न अहसास है ग़म से अपने / फ़राज़]]
 +
*[[ये तो जब मुम्किन है / फ़राज़]]
 +
*[[तुम भी ख़फ़ा हो लोग भी बरहम हैं दोस्तो / फ़राज़]]
 +
*[तू कहाँ था ज़िन्दगी के रोज़ो-शब आँखों में थे / फ़राज़]]
 +
*[[लम्हे वफ़ूरे-शौक़ के ऐसे न आए थे / फ़राज़]]
 +
*[[शुहदा-ए-जंगे आज़ादी 1857 के नाम / फ़राज़]]
 +
*[[पयंबरे-मश्रिक / फ़राज़]]
 +
*[[बतर्जे-बेदिल / फ़राज़]]
 +
*[[अल्मिया / फ़राज़]]
 +
*[[मिल्कियत / फ़राज़]]
 +
*[[मुंतज़िर कब से तहय्युर है तेरी तक़दीर का / फ़राज़]]
 +
*[[अहले-ग़म जाते हैं नाउम्मीद तेरे शहर से / फ़राज़]]
 +
*[[तम्सील / फ़राज़]]
 +
*[[आँखों में चुभ रहे हैं दरो-बाम के चराग़ / फ़राज़]]
 +
*[[नज़र की धूप में साये घुले हैं शब की तरह / फ़राज़]]
 +
*[[हम क्या कि इसी सोच में बादे-चमनी थी / फ़राज़]]
 +
*[[नींद / फ़राज़]]
 +
*[[ख़ुशबू का सफ़र / फ़राज़]]
 +
*[[अब के बरस भी / फ़राज़]]
 +
*[[तुझे उदास लिया ख़ुद भी सोग़वार हुए / फ़राज़]]
 +
*[[...अनदेखे दियारों के सफ़ीर / फ़राज़]]
 +
*[[अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें / फ़राज़]]
 +
*[[अच्छा था अगर ज़ख़्म न भरे कोई दिन और / फ़राज़]]
 +
*[[तरस रहा हूँ मगर तू नज़र न आ मुझको / फ़राज़]]
 +
*[[किसी तरह तो बयाने-हर्फ़े आरज़ू करते / फ़राज़]]
 +
*[[मैं और तू / फ़राज़]]
 +
*[[अफ़्रेशियाई अदीबों के नाम / फ़राज़]]
 +
*[[मैं कि पुरशोर समन्दर थे मेरे पाँवों में / फ़राज़]]

18:46, 10 नवम्बर 2009 का अवतरण

दर्द आशोब
Dard Aashob 001.jpg
रचनाकार अहमद फ़राज़
प्रकाशक राजकमल प्रकाशन प्रा.लि., 1-बी,नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली 110002
वर्ष 1990
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़लें व नज़्में
विधा ग़ज़ल व नज़्म
पृष्ठ 132
ISBN 81-7178-031-8
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।