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|रचनाकार=उदयप्रकाशउदय प्रकाश|संग्रह= अबूतर कबूतर / उदय प्रकाश
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{{KKCatKavita}}<poem>
एक था रंगा
एक था बिल्ला
दोनों भाई-भाई नहीं थे
लेकिन दोनों को फाँसी हो गयी ।
एक थे टाटा
एक है बिरला
दोनों भाई-भाई हैं
लेकिन दोनों को फाँसी नहीं हुई ।
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