भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"दिसम्बर / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह= रात में हारमोनिययम / उदय प्रकाश | |संग्रह= रात में हारमोनिययम / उदय प्रकाश | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
− | + | <poem> | |
अयूब भागो | अयूब भागो | ||
− | |||
अम्माँ भागो | अम्माँ भागो | ||
− | |||
इस नदी से डरो नहीं | इस नदी से डरो नहीं | ||
− | |||
आँसू की है सिर्फ़ घुटने तक चढ़ेगी | आँसू की है सिर्फ़ घुटने तक चढ़ेगी | ||
− | |||
हद से हद घाव हुआ | हद से हद घाव हुआ | ||
− | |||
तो नमक जलेगा बस | तो नमक जलेगा बस | ||
− | |||
अम्माँ, | अम्माँ, | ||
− | |||
अयूब चल क्यों नहीं रहा? | अयूब चल क्यों नहीं रहा? | ||
− | |||
पापा सोते क्यों जा रहे? | पापा सोते क्यों जा रहे? | ||
− | |||
अम्माँ, आप लोग कहाँ हो | अम्माँ, आप लोग कहाँ हो | ||
− | |||
और सारे सब लोग कहाँ हैं? | और सारे सब लोग कहाँ हैं? | ||
− | |||
वो नदी भी कहाँ गई? | वो नदी भी कहाँ गई? | ||
− | |||
मुझे कुछ, अम्माँ | मुझे कुछ, अम्माँ | ||
− | |||
दिखता क्यों नहीं? | दिखता क्यों नहीं? | ||
+ | </poem> |
00:19, 11 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
अयूब भागो
अम्माँ भागो
इस नदी से डरो नहीं
आँसू की है सिर्फ़ घुटने तक चढ़ेगी
हद से हद घाव हुआ
तो नमक जलेगा बस
अम्माँ,
अयूब चल क्यों नहीं रहा?
पापा सोते क्यों जा रहे?
अम्माँ, आप लोग कहाँ हो
और सारे सब लोग कहाँ हैं?
वो नदी भी कहाँ गई?
मुझे कुछ, अम्माँ
दिखता क्यों नहीं?