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"औरत-13 / चंद्र रेखा ढडवाल" के अवतरणों में अंतर

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(औरत -तेरह)
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खिले हुए
 
खिले हुए
 
सुन्दर फूलों की मिल्कियत
 
सुन्दर फूलों की मिल्कियत
 
दंभ उसका
 
दंभ उसका
 
पीले कमज़ोर
 
पीले कमज़ोर
हो
+
तो पराजित नाराज़ वह
पराजित
+
मुँह चुराते नाराज़
+
 
रंग गंध के मेलों का  
 
रंग गंध के मेलों का  
सिरजनहार
+
सिरजनहारा
पालक दृष्टा प्रभाव
+
पालक
 +
दृष्टा
 +
पुरुष
  
 
और दोनों ही के लिए
 
और दोनों ही के लिए
खाद -पानी हो
+
खाद-पानी-मिट्टी होती
मिट्टी होती
+
खिलने में खिलती कम
खिलते में खिलती कम
+
मुर्झाने में मुर्झाती ज़्यादा
मुर्झाने में  
+
औरत.
मुर्झाती ज़्यादा औरत.
+
 
 
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16:24, 13 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण


    (औरत -तेरह)

खिले हुए
सुन्दर फूलों की मिल्कियत
दंभ उसका
पीले कमज़ोर
तो पराजित नाराज़ वह
रंग गंध के मेलों का
सिरजनहारा
पालक
दृष्टा
पुरुष

और दोनों ही के लिए
खाद-पानी-मिट्टी होती
खिलने में खिलती कम
मुर्झाने में मुर्झाती ज़्यादा
औरत.