भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"क्रूरता (कविता) / कुमार अंबुज" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार अंबुज |संग्रह=क्रूरता / कुमार अंबुज }} तब आएगी क्र...) |
छो (क्रूरता. / कुमार अंबुज का नाम बदलकर क्रूरता (कविता) / कुमार अंबुज कर दिया गया है) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:41, 29 दिसम्बर 2009 का अवतरण
तब आएगी क्रूरता
पहले ह्रदय में आएगी और चेहरे पर न दिखेगी
फिर घटित होगी धर्मग्रंथो की ब्याख्या में
फिर इतिहास में और
भविष्यवाणियों में
फिर वह जनता का आदर्श हो जाएगी
....वह संस्कृति की तरह आएगी,
उसका कोई विरोधी नहीं होगा
कोशिश सिर्फ यह होगी
किस तरह वह अधिक सभ्य
और अधिक ऐतिहासिक हो
...यही ज्यादा संभव है कि वह आए
और लंबे समय तक हमें पता ही न चले उसका आना