"चल गई (कविता) / शैल चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
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वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ | वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ | ||
− | |||
आप ही की तरह श्रीमान हूँ | आप ही की तरह श्रीमान हूँ | ||
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मगर अपनी आंख से | मगर अपनी आंख से | ||
− | |||
बहुत परेशान हूँ | बहुत परेशान हूँ | ||
− | |||
अपने आप चलती है | अपने आप चलती है | ||
− | |||
लोग समझते हैं -- चलाई गई है | लोग समझते हैं -- चलाई गई है | ||
− | |||
जान-बूझ कर मिलाई गई है। | जान-बूझ कर मिलाई गई है। | ||
− | |||
एक बार बचपन में | एक बार बचपन में | ||
− | |||
शायद सन पचपन में | शायद सन पचपन में | ||
− | |||
क्लास में | क्लास में | ||
− | |||
एक लड़की बैठी थी पास में | एक लड़की बैठी थी पास में | ||
− | |||
नाम था सुरेखा | नाम था सुरेखा | ||
− | |||
उसने हमें देखा | उसने हमें देखा | ||
− | |||
और बांई चल गई | और बांई चल गई | ||
− | |||
लड़की हाय-हाय | लड़की हाय-हाय | ||
− | |||
क्लास छोड़ बाहर निकल गई। | क्लास छोड़ बाहर निकल गई। | ||
− | |||
थोड़ी देर बाद | थोड़ी देर बाद | ||
− | |||
हमें है याद | हमें है याद | ||
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प्रिंसिपल ने बुलाया | प्रिंसिपल ने बुलाया | ||
− | |||
लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया | लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया | ||
− | |||
हमने कहा कि जी भूल हो गई | हमने कहा कि जी भूल हो गई | ||
− | |||
वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में | वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में | ||
− | |||
शर्म नहीं आती | शर्म नहीं आती | ||
− | |||
ऐसी गंदी हरकतें करते हो, | ऐसी गंदी हरकतें करते हो, | ||
− | |||
स्कूल में? | स्कूल में? | ||
− | |||
और इससे पहले कि | और इससे पहले कि | ||
− | |||
हकीकत बयान करते | हकीकत बयान करते | ||
− | |||
कि फिर चल गई | कि फिर चल गई | ||
− | |||
प्रिंसिपल को खल गई। | प्रिंसिपल को खल गई। | ||
− | |||
हुआ यह परिणाम | हुआ यह परिणाम | ||
− | |||
कट गया नाम | कट गया नाम | ||
− | |||
बमुश्किल तमाम | बमुश्किल तमाम | ||
− | |||
मिला एक काम। | मिला एक काम। | ||
− | |||
इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में | इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में | ||
− | |||
एक लड़की थी सामने अड़ी | एक लड़की थी सामने अड़ी | ||
− | |||
अचानक मुड़ी | अचानक मुड़ी | ||
− | |||
नजर उसकी हम पर पड़ी | नजर उसकी हम पर पड़ी | ||
− | |||
और आंख चल गई | और आंख चल गई | ||
− | |||
लड़की उछल गई | लड़की उछल गई | ||
− | |||
दूसरे उम्मीदवार चौंके | दूसरे उम्मीदवार चौंके | ||
− | |||
उस लडकी की साईड लेकर | उस लडकी की साईड लेकर | ||
− | |||
हम पर भौंके | हम पर भौंके | ||
− | |||
फिर क्या था | फिर क्या था | ||
− | |||
मार-मार जूते-चप्पल | मार-मार जूते-चप्पल | ||
− | |||
फोड़ दिया बक्कल | फोड़ दिया बक्कल | ||
− | |||
सिर पर पांव रखकर भागे | सिर पर पांव रखकर भागे | ||
− | |||
लोग-बाग पीछे, हम आगे | लोग-बाग पीछे, हम आगे | ||
− | |||
घबराहट में घुस गये एक घर में | घबराहट में घुस गये एक घर में | ||
− | |||
भयंकर पीड़ा थी सिर में | भयंकर पीड़ा थी सिर में | ||
− | |||
बुरी तरह हांफ रहे थे | बुरी तरह हांफ रहे थे | ||
− | |||
मारे डर के कांप रहे थे | मारे डर के कांप रहे थे | ||
− | |||
तभी पूछा उस गृहणी ने -- | तभी पूछा उस गृहणी ने -- | ||
− | |||
कौन ? | कौन ? | ||
− | |||
हम खड़े रहे मौन | हम खड़े रहे मौन | ||
− | |||
वो बोली | वो बोली | ||
− | |||
बताते हो या किसी को बुलाऊँ ? | बताते हो या किसी को बुलाऊँ ? | ||
− | |||
और उससे पहले | और उससे पहले | ||
− | |||
कि जबान हिलाऊँ | कि जबान हिलाऊँ | ||
− | |||
चल गई | चल गई | ||
− | |||
वह मारे गुस्से के | वह मारे गुस्से के | ||
− | |||
जल गई | जल गई | ||
− | |||
साक्षात दुर्गा-सी दीखी | साक्षात दुर्गा-सी दीखी | ||
− | |||
बुरी तरह चीखी | बुरी तरह चीखी | ||
− | |||
बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी | बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी | ||
− | |||
मौसा-मौसी | मौसा-मौसी | ||
− | |||
भतीजे-मामा | भतीजे-मामा | ||
− | |||
मच गया हंगामा | मच गया हंगामा | ||
− | |||
चड्डी बना दिया हमारा पजामा | चड्डी बना दिया हमारा पजामा | ||
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बनियान बन गया कुर्ता | बनियान बन गया कुर्ता | ||
− | |||
मार-मार बना दिया भुरता | मार-मार बना दिया भुरता | ||
− | |||
हम चीखते रहे | हम चीखते रहे | ||
− | |||
और पीटने वाले | और पीटने वाले | ||
− | |||
हमें पीटते रहे | हमें पीटते रहे | ||
− | |||
भगवान जाने कब तक | भगवान जाने कब तक | ||
− | |||
निकालते रहे रोष | निकालते रहे रोष | ||
− | |||
और जब हमें आया होश | और जब हमें आया होश | ||
− | |||
तो देखा अस्पताल में पड़े थे | तो देखा अस्पताल में पड़े थे | ||
− | |||
डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे | डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे | ||
− | |||
हमने अपनी एक आंख खोली | हमने अपनी एक आंख खोली | ||
− | |||
तो एक नर्स बोली | तो एक नर्स बोली | ||
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दर्द कहां है? | दर्द कहां है? | ||
− | |||
हम कहां कहां बताते | हम कहां कहां बताते | ||
− | |||
और इससे पहले कि कुछ कह पाते | और इससे पहले कि कुछ कह पाते | ||
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चल गई | चल गई | ||
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नर्स कुछ नहीं बोली | नर्स कुछ नहीं बोली | ||
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बाइ गॉड ! (चल गई) | बाइ गॉड ! (चल गई) | ||
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मगर डाक्टर को खल गई | मगर डाक्टर को खल गई | ||
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बोला -- | बोला -- | ||
− | |||
इतने सीरियस हो | इतने सीरियस हो | ||
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फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो | फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो | ||
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इस हाल में शर्म नहीं आती | इस हाल में शर्म नहीं आती | ||
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मोहब्बत करते हुए | मोहब्बत करते हुए | ||
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अस्पताल में? | अस्पताल में? | ||
− | |||
उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय | उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय | ||
− | |||
देने लगा अपनी राय | देने लगा अपनी राय | ||
− | |||
भाग जाएं चुपचाप | भाग जाएं चुपचाप | ||
− | |||
नहीं जानते आप | नहीं जानते आप | ||
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बढ़ गई है बात | बढ़ गई है बात | ||
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डाक्टर को गड़ गई है | डाक्टर को गड़ गई है | ||
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केस आपका बिगड़वा देगा | केस आपका बिगड़वा देगा | ||
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न हुआ तो मरा बताकर | न हुआ तो मरा बताकर | ||
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जिंदा ही गड़वा देगा। | जिंदा ही गड़वा देगा। | ||
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तब अंधेरे में आंखें मूंदकर | तब अंधेरे में आंखें मूंदकर | ||
− | |||
खिड़की के कूदकर भाग आए | खिड़की के कूदकर भाग आए | ||
− | |||
जान बची तो लाखों पाये। | जान बची तो लाखों पाये। | ||
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एक दिन सकारे | एक दिन सकारे | ||
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बाप जी हमारे | बाप जी हमारे | ||
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बोले हमसे -- | बोले हमसे -- | ||
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अब क्या कहें तुमसे ? | अब क्या कहें तुमसे ? | ||
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कुछ नहीं कर सकते | कुछ नहीं कर सकते | ||
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तो शादी कर लो | तो शादी कर लो | ||
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लड़की देख लो। | लड़की देख लो। | ||
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मैंने देख ली है | मैंने देख ली है | ||
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जरा हैल्थ की कच्ची है | जरा हैल्थ की कच्ची है | ||
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बच्ची है, फिर भी अच्छी है | बच्ची है, फिर भी अच्छी है | ||
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जैसी भी, आखिर लड़की है | जैसी भी, आखिर लड़की है | ||
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बड़े घर की है, फिर बेटा | बड़े घर की है, फिर बेटा | ||
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यहां भी तो कड़की है। | यहां भी तो कड़की है। | ||
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हमने कहा -- | हमने कहा -- | ||
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जी अभी क्या जल्दी है? | जी अभी क्या जल्दी है? | ||
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वे बोले -- | वे बोले -- | ||
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गधे हो | गधे हो | ||
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ढाई मन के हो गये | ढाई मन के हो गये | ||
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मगर बाप के सीने पर लदे हो | मगर बाप के सीने पर लदे हो | ||
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वह घर फंस गया तो संभल जाओगे। | वह घर फंस गया तो संभल जाओगे। | ||
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तब एक दिन भगवान से मिल के | तब एक दिन भगवान से मिल के | ||
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धड़कता दिल ले | धड़कता दिल ले | ||
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पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की | पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की | ||
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शायद हमारी होने वाली सास | शायद हमारी होने वाली सास | ||
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बैठी थी हमारे पास | बैठी थी हमारे पास | ||
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बोली -- | बोली -- | ||
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यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई | यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई | ||
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और आंख मुई चल गई | और आंख मुई चल गई | ||
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वे समझी कि मचल गई | वे समझी कि मचल गई | ||
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बोली -- | बोली -- | ||
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लड़की तो अंदर है | लड़की तो अंदर है | ||
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मैं लड़की की मां हूँ | मैं लड़की की मां हूँ | ||
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लड़की को बुलाऊँ | लड़की को बुलाऊँ | ||
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और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ | और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ | ||
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आंख चल गई दुबारा | आंख चल गई दुबारा | ||
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उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा | उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा | ||
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झटके से खड़ी हो गईं | झटके से खड़ी हो गईं | ||
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हम जैसे गए थे लौट आए | हम जैसे गए थे लौट आए | ||
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घर पहुंचे मुंह लटकाए | घर पहुंचे मुंह लटकाए | ||
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पिता जी बोले -- | पिता जी बोले -- | ||
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अब क्या फायदा | अब क्या फायदा | ||
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मुंह लटकाने से | मुंह लटकाने से | ||
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आग लगे ऐसी जवानी में | आग लगे ऐसी जवानी में | ||
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डूब मरो चुल्लू भर पानी में | डूब मरो चुल्लू भर पानी में | ||
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नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो | नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो | ||
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नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो | नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो | ||
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जब भी कहीं जाते हो | जब भी कहीं जाते हो | ||
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पिटकर ही आते हो | पिटकर ही आते हो | ||
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भगवान जाने कैसे चलाते हो? | भगवान जाने कैसे चलाते हो? | ||
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अब आप ही बताइये | अब आप ही बताइये | ||
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क्या करूं? | क्या करूं? | ||
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कहां जाऊं? | कहां जाऊं? | ||
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कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के | कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के | ||
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कमबख्त जूते खिलवाएगी | कमबख्त जूते खिलवाएगी | ||
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लाख-दो-लाख के। | लाख-दो-लाख के। | ||
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अब आप ही संभालिये | अब आप ही संभालिये | ||
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मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये | मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये | ||
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जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा | जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा | ||
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केवल एक लड़की | केवल एक लड़की | ||
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जिसकी एक आंख चलती हो | जिसकी एक आंख चलती हो | ||
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पता लगाइये | पता लगाइये | ||
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और मिल जाये तो | और मिल जाये तो | ||
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हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये। | हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये। | ||
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13:28, 29 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ
आप ही की तरह श्रीमान हूँ
मगर अपनी आंख से
बहुत परेशान हूँ
अपने आप चलती है
लोग समझते हैं -- चलाई गई है
जान-बूझ कर मिलाई गई है।
एक बार बचपन में
शायद सन पचपन में
क्लास में
एक लड़की बैठी थी पास में
नाम था सुरेखा
उसने हमें देखा
और बांई चल गई
लड़की हाय-हाय
क्लास छोड़ बाहर निकल गई।
थोड़ी देर बाद
हमें है याद
प्रिंसिपल ने बुलाया
लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया
हमने कहा कि जी भूल हो गई
वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में
शर्म नहीं आती
ऐसी गंदी हरकतें करते हो,
स्कूल में?
और इससे पहले कि
हकीकत बयान करते
कि फिर चल गई
प्रिंसिपल को खल गई।
हुआ यह परिणाम
कट गया नाम
बमुश्किल तमाम
मिला एक काम।
इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में
एक लड़की थी सामने अड़ी
अचानक मुड़ी
नजर उसकी हम पर पड़ी
और आंख चल गई
लड़की उछल गई
दूसरे उम्मीदवार चौंके
उस लडकी की साईड लेकर
हम पर भौंके
फिर क्या था
मार-मार जूते-चप्पल
फोड़ दिया बक्कल
सिर पर पांव रखकर भागे
लोग-बाग पीछे, हम आगे
घबराहट में घुस गये एक घर में
भयंकर पीड़ा थी सिर में
बुरी तरह हांफ रहे थे
मारे डर के कांप रहे थे
तभी पूछा उस गृहणी ने --
कौन ?
हम खड़े रहे मौन
वो बोली
बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?
और उससे पहले
कि जबान हिलाऊँ
चल गई
वह मारे गुस्से के
जल गई
साक्षात दुर्गा-सी दीखी
बुरी तरह चीखी
बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी
मौसा-मौसी
भतीजे-मामा
मच गया हंगामा
चड्डी बना दिया हमारा पजामा
बनियान बन गया कुर्ता
मार-मार बना दिया भुरता
हम चीखते रहे
और पीटने वाले
हमें पीटते रहे
भगवान जाने कब तक
निकालते रहे रोष
और जब हमें आया होश
तो देखा अस्पताल में पड़े थे
डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे
हमने अपनी एक आंख खोली
तो एक नर्स बोली
दर्द कहां है?
हम कहां कहां बताते
और इससे पहले कि कुछ कह पाते
चल गई
नर्स कुछ नहीं बोली
बाइ गॉड ! (चल गई)
मगर डाक्टर को खल गई
बोला --
इतने सीरियस हो
फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो
इस हाल में शर्म नहीं आती
मोहब्बत करते हुए
अस्पताल में?
उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय
देने लगा अपनी राय
भाग जाएं चुपचाप
नहीं जानते आप
बढ़ गई है बात
डाक्टर को गड़ गई है
केस आपका बिगड़वा देगा
न हुआ तो मरा बताकर
जिंदा ही गड़वा देगा।
तब अंधेरे में आंखें मूंदकर
खिड़की के कूदकर भाग आए
जान बची तो लाखों पाये।
एक दिन सकारे
बाप जी हमारे
बोले हमसे --
अब क्या कहें तुमसे ?
कुछ नहीं कर सकते
तो शादी कर लो
लड़की देख लो।
मैंने देख ली है
जरा हैल्थ की कच्ची है
बच्ची है, फिर भी अच्छी है
जैसी भी, आखिर लड़की है
बड़े घर की है, फिर बेटा
यहां भी तो कड़की है।
हमने कहा --
जी अभी क्या जल्दी है?
वे बोले --
गधे हो
ढाई मन के हो गये
मगर बाप के सीने पर लदे हो
वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।
तब एक दिन भगवान से मिल के
धड़कता दिल ले
पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की
शायद हमारी होने वाली सास
बैठी थी हमारे पास
बोली --
यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई
और आंख मुई चल गई
वे समझी कि मचल गई
बोली --
लड़की तो अंदर है
मैं लड़की की मां हूँ
लड़की को बुलाऊँ
और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ
आंख चल गई दुबारा
उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा
झटके से खड़ी हो गईं
हम जैसे गए थे लौट आए
घर पहुंचे मुंह लटकाए
पिता जी बोले --
अब क्या फायदा
मुंह लटकाने से
आग लगे ऐसी जवानी में
डूब मरो चुल्लू भर पानी में
नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो
नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो
जब भी कहीं जाते हो
पिटकर ही आते हो
भगवान जाने कैसे चलाते हो?
अब आप ही बताइये
क्या करूं?
कहां जाऊं?
कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के
कमबख्त जूते खिलवाएगी
लाख-दो-लाख के।
अब आप ही संभालिये
मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये
जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा
केवल एक लड़की
जिसकी एक आंख चलती हो
पता लगाइये
और मिल जाये तो
हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये।