गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पिन बहुत सारे (कविता) / कुँअर बेचैन
3 bytes removed
,
09:10, 30 दिसम्बर 2009
|रचनाकार=कुँअर बेचैन
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
जिंदगी का अर्थ
मरना हो गया है
और जीने के लिये हैं
दिन बहुत सारे ।
इस
समय की मेज़ पर
रक्खी हुई
जिंदगी है 'पिन-कुशन' जैसी
दोस्ती का अर्थ
चुभना हो गया है
और चुभने के लिए हैं
पिन बहुत सारे।
निम्न-मध्यमवर्ग के
परिवार की
अल्पमासिक आय-सी
है जिंदगी
वेतनों का अर्थ
चुकना हो गया है
और चुकने के लिए हैं
ऋण बहुत सारे।
'''''-- यह कविता [[Dr.Bhawna Kunwar]] द्वारा कविता कोश में डाली गयी है।<
br
/poem
>
<br>'''''
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits