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"शब्द / कर्म / गिरधर राठी" के अवतरणों में अंतर
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किस ने दिया तुम्हें हक़? | किस ने दिया तुम्हें हक़? | ||
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किस ने? | किस ने? | ||
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किस ने? !!! | किस ने? !!! | ||
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हम ने किए सीधे सवाल दर सवाल दर सवाल | हम ने किए सीधे सवाल दर सवाल दर सवाल | ||
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शब्द थे | शब्द थे | ||
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हैं | हैं | ||
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होंगे हमारे सवाल | होंगे हमारे सवाल | ||
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भरे-पूरे, कटख़ने तीते | भरे-पूरे, कटख़ने तीते | ||
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तर्क के, रोष के, इंसानी हुमस के | तर्क के, रोष के, इंसानी हुमस के | ||
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शब्द | शब्द | ||
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लेकिन निरे शब्द | लेकिन निरे शब्द | ||
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तने कसे रुंधे मुक्त शब्द | तने कसे रुंधे मुक्त शब्द | ||
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शब्दहीन हो कर भी | शब्दहीन हो कर भी | ||
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शब्द | शब्द | ||
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निपट शब्द... | निपट शब्द... | ||
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14:13, 2 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
वक़्त आया तो हम ने भी किए सीधे सवाल:
किस ने दिया तुम्हें हक़?
किस ने?
किस ने? !!!
हम ने किए सीधे सवाल दर सवाल दर सवाल
...
शब्द थे
हैं
होंगे हमारे सवाल
भरे-पूरे, कटख़ने तीते
तर्क के, रोष के, इंसानी हुमस के
शब्द
लेकिन निरे शब्द
तने कसे रुंधे मुक्त शब्द
शब्दहीन हो कर भी
शब्द
निपट शब्द...