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"रोज़ होती है / अश्वघोष" के अवतरणों में अंतर

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राह भटके इन परिन्दों के लिए
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ढूँढ़ना होगा नया जंगल कोई
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नाच उठतीं क़ागज़ों की कश्तियाँ
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आ गया होता इधर बादल कोई
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देश तो ये अब जलेगा शर्तिया
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क्या करेगी आपकी दमकल कोई
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बेवजह मत घूमिए यूँ 'अश्वधोश'
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फाँस लेगी आपको दलदल कोई
  
 
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08:15, 3 जनवरी 2010 का अवतरण

रोज़ होती है यहाँ हलचल कोई
टूटता है आईना हर अल कोई

राह भटके इन परिन्दों के लिए
ढूँढ़ना होगा नया जंगल कोई

नाच उठतीं क़ागज़ों की कश्तियाँ
आ गया होता इधर बादल कोई

देश तो ये अब जलेगा शर्तिया
क्या करेगी आपकी दमकल कोई

बेवजह मत घूमिए यूँ 'अश्वधोश'
फाँस लेगी आपको दलदल कोई