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"भए अति निठुर / घनानंद" के अवतरणों में अंतर

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::याही दुख में हमैं जक लागी हाय हाय है।<br>
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भए अति निठुर, मिटाय पहचानि डारी,
तुम तो निपट निरदई, गई भूलि सुधि,<br>
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::याही दुख में हमैं जक लागी हाय हाय है।
::हमैं सूल सेलनि सो क्योहूँन भुलाय है।<br>
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तुम तो निपट निरदई, गई भूलि सुधि,
मीठे मीठे बोल बोलि ठगी पहिलें तौ तब,<br>
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::हमैं सूल सेलनि सो क्योहूँन भुलाय है।
::अब जिय जारत कहौ धौ कौन न्याय है।<br>
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मीठे मीठे बोल बोलि ठगी पहिलें तौ तब,
सुनी है कै नाहीं, यह प्रगट कहावति जू,<br>
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::अब जिय जारत कहौ धौ कौन न्याय है।
::काहू कलपायहै सु कैसे कल पायहै।। 7 ।।<br>
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सुनी है कै नाहीं, यह प्रगट कहावति जू,
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::काहू कलपायहै सु कैसे कल पायहै॥
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11:01, 16 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

भए अति निठुर, मिटाय पहचानि डारी,
याही दुख में हमैं जक लागी हाय हाय है।
तुम तो निपट निरदई, गई भूलि सुधि,
हमैं सूल सेलनि सो क्योहूँन भुलाय है।
मीठे मीठे बोल बोलि ठगी पहिलें तौ तब,
अब जिय जारत कहौ धौ कौन न्याय है।
सुनी है कै नाहीं, यह प्रगट कहावति जू,
काहू कलपायहै सु कैसे कल पायहै॥