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(धर्मवीर भारती की कविताएं)
(धर्मवीर भारती की कविताएं)
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* [[कनुप्रिया - आम्र-बौर का गीत / धर्मवीर भारती]]
 
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* [[कनुप्रिया - विप्रलब्धा / धर्मवीर भारती]]
 
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21:36, 16 अगस्त 2006 का अवतरण

जन्म : सन 1926 ई. भारती की शिक्षा-दीक्षा और काव्य-संस्कारों की प्रथम संरचना प्रयाग में हुई। उनके व्यक्तित्व और उनकी प्रारंभिक रचनाओं पर पंडित माखनलाल चतुर्वेदी के उच्छल और मानसिक स्वच्छंद काव्य संस्कारों का काफ़ी प्रभाव है। भारती के कवि की बनावट का सबसे प्रमुख गुण उनकी वैष्णवता है। पावनता और हल्की रोमांटिकता का स्पर्श और उनकी भीनी झनकार भारती की कविताओं में सर्वत्र पाई जाती है।

इनका प्रथम काव्य-संग्रह 'ठंड़ा लोहा' और प्रथम उपन्यास 'गुनाहों का देवता' अत्यंत लोकप्रिय हुए। इनके द्वारा लिखा हुआ प्रथम काव्य नाटक 'अंधा युग' संपूर्ण भारतीय साहित्य में अपने ढंग की अलग रचना है। इनकी कविताओं की अलग और महत्वपूर्ण पहचान के कारण ही अज्ञेय ने उन्हें अपने द्वारा संपादित दूसरे सप्तक में संकलित किया।

'ठंड़ा लोहा' के अतिरिक्त उनका एक कविता-संग्रह 'सात गीत वर्ष' भी प्रकाशित हुआ। लंबी कविता के क्षेत्र में राधा के चरित्र को लेकर कनुप्रिया नामक उनकी कविता अत्यंत प्रसिध्द हुई। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रयोग के स्तर पर 'सूरज का सातवां घोड़ा' नामक एक सर्वथा नये ढंग का उपन्यास लिखा। 'चांद और टूटे लोग' तथा 'बंद गली का आखिरी मकान' उनके दो कथा-संग्रह हैं।

धर्मवीर भारती की कविताएं