भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKShayar}}
'''ग़ज़ल'''
* [[अज़ीब अजीब शख़्स था, आँखों में ख़्वाब छोड़ गया / श्रद्धा जैन]]
* [[हमको भी समझ फूल या पत्थर नहीं आते / श्रद्धा जैन]]
* [[कोई पत्थर तो नहीं हूँ कि ख़ुदा हो जाऊँ / श्रद्धा जैन]]