भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"माचिस / याद ना आए कोई" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKFilmSongCategories |वर्ग=अन्य गीत }} {{KKFilmRachna |रचनाकार=?? }} <poem>याद न आए कोई लहू न …)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:26, 21 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

रचनाकार: ??                 

याद न आए कोई
लहू न रुलाये कोई

हाय, अखियों में बैठा था
अखियों से उठ के, जाने किस देश गया
जोगी मेरा जोगी, वे राँझा मेरा राँझड़ा
मेरा दरवेश गया, रब्बा
दूर न जाए कोई
याद न आए कोई ...

शाम के दिये ने आँख भी न खोली
अन्धा कर गयी रात
जला भी नहीं था, देह का बालन
कोयला कर गयी रात, रब्बा
और न जलाए कोई
याद न आए कोई ...