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उन्हें शौक़-ए-इबादत भी है / अकबर इलाहाबादी
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04:42, 26 फ़रवरी 2010
<poem>
उन्हें शौक़-ए-इबादत भी है और गाने की आदत भी
निकलती हैं
दुआऎं
दुआऐं
उनके मुंह से ठुमरियाँ होकर
तअल्लुक़ आशिक़-ओ-माशूक़ का तो लुत्फ़ रखता था
Sandeep Sethi
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