Changes

हमसे क्या पूछते हो दर्द कहाँ होता है।{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=इंदीवर}}[[Category:गीत]]<poem>दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया हैउम्र भर का ग़म हमें ईनाम दिया है
आपका तीर बता देगा जहाँ होता है।। हमसे क्या पूछतेतूफ़ां में हमको छोड़ के साहिल पे आ गयेनाख़ुदा का हमने जिन्हें नाम दिया हैउम्र भर का ग़म ...
पहले तो होश छीन लिये ज़ुल्म-ओ-सितम से
दीवानगी का फिर हमें इल्ज़ाम दिया है
उम्र भर का ग़म ...
ये लगी ऎसी लगी है कि पता अपने ही गिराते हैं नशेमन पे बिजलियाँग़ैरों ने आ के फिर भी न लगा।उसे थाम लिया हैउम्र भर का ग़म ...
आग लगने से भी कुछ देर धुआँ होता है।। हमसे क्या पूछते...बन के रक़ीब बैठे हैं वो जो हबीब थे  दिल में जो दर्द यारों ने ख़ूब फ़र्ज़ को अंजाम दिया है तुम उसकी दवा मत पूछो! दर्द कम होने से ये दर्द जवाँ होता है।। हमसे क्या पूछतेउम्र भर का ग़म ...</poem>
Delete, Mover, Uploader
894
edits