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+ | |width="300" bgcolor="white"|<poem> | ||
काला शाह काला, मेरा काला ई सरदार | काला शाह काला, मेरा काला ई सरदार | ||
गोरेआं नु दफा करो, मैं आप तिल्ले दी तार | गोरेआं नु दफा करो, मैं आप तिल्ले दी तार | ||
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जेहड़ा मेरे हाण दा ओ चला गया ए दफ्तर | जेहड़ा मेरे हाण दा ओ चला गया ए दफ्तर | ||
काला शाह काला... | काला शाह काला... | ||
+ | </poem>||width="300" bgcolor="CEF0FF"|<poem>मेरा पति काले रंग का है. | ||
+ | गोरे रंग वाले लोगों को भगा दो(गोरे रंग वालों की ज़रुरत नहीं है). मैं खुद ही सोने की तार जैसे हूँ. | ||
+ | |||
+ | सास तेरे पांच बेटे हैं. दो बुरे हैं और दो शराबी हैं | ||
+ | (लेकिन) जो मेरा पति है वो खिले हुए गुलाब जैसा है | ||
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+ | सास तेरे पांच बेटे हैं. दो टीन हैं दो कनस्तर हैं(निक्कमे हैं) | ||
+ | (लेकिन) जो मेरा पति है वो दफ्तर चला गया है | ||
</poem> | </poem> | ||
+ | |} |
00:05, 2 मार्च 2010 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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काला शाह काला, मेरा काला ई सरदार |
मेरा पति काले रंग का है. |