"इब्ने-मरियम हुआ करे कोई / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) छो |
|||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=ग़ालिब | |रचनाकार=ग़ालिब | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब |
}} | }} | ||
[[Category:ग़ज़ल]] | [[Category:ग़ज़ल]] |
02:20, 14 मार्च 2010 के समय का अवतरण
इब्ने-मरियम <ref>मरियम के बेटे यानि ईसा </ref> हुआ करे कोई
मेरे दुख की दवा करे कोई
शरअ-ओ-आईन<ref>पवित्र और धर्मनिरपेक्ष कानून</ref> पर मदार<ref>आधारित</ref> सही
ऐसे क़ातिल का क्या करे कोई
चाल, जैसे कड़ी कमाँ का तीर
दिल में ऐसे के जा<ref>जगह</ref> करे कोई
बात पर वाँ ज़बान कटती है
वो कहें और सुना करे कोई
बक रहा हूँ जुनूँ में क्या-क्या कुछ
कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई
न सुनो गर बुरा कहे कोई
न कहो गर बुरा करे कोई
रोक लो, गर ग़लत चले कोई
बख़्श दो गर ख़ता करे कोई
कौन है जो नहीं है हाजतमंद<ref>ज़रूरतमंद</ref>
किसकी हाजत<ref>ज़रूरत</ref> रवा<ref>पूरी</ref> करे कोई
क्या किया ख़िज्र<ref>ख़िज्र सिकंदर का नौकर था और उसने सिकंदर को धोखा दिया था</ref> ने सिकंदर से
अब किसे रहनुमा<ref>राह बताने वाला,पथ-प्रदर्शक</ref> करे कोई
जब तवक़्क़ो<ref>उम्मीद</ref> ही उठ गयी "ग़ालिब"
क्यों किसी का गिला करे कोई