Changes

{{KKRachna
|रचनाकार= ग़ालिब
|संग्रह= दीवान-एदीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
कि हुए मेहरो-मह<ref>चांद-सूरज</ref> तमाशाई
देखो, ऐ सकिनानसाकिनान-ए-खित्तएख़ित्त-ए-ख़ाक<ref>धरती के वासियो</ref> इसको कहते हैं आलम-आराई<ref>दुनिया को सजाना,विश्व-शृँगार</ref>
कि ज़मीं हो गई है सर-ता-सर<ref>एक कोने से दूसरे कोने तक</ref>
सब्ज़ा<ref>हरियाली</ref> को जब कहीं जगह न मिली
बन गया रूएरू-ए-आब<ref>पानी की सतह</ref> पर काई
सब्ज़ा-ओ-गुल<ref>हरियाली और गुलाब</ref> के देखने के लिये
चश्मे-नर्गिस<ref>नरगिस की आँख</ref> को दी है बीनाई<ref>रोशनी मिलनादृष्टि</ref>
है हवा में शराब की तासीर<ref>असर</ref>
बादा-नोशी<ref>शराब पीना</ref> है बाद-पैमाई<ref>(जैसे) हवा खाना</ref>
क्यूँ न दुनिया को हो ख़ुशी "ग़ालिब"
शाह-ए-दीदारदींदार<ref>धर्मावतार बादशाहआस्तिक सम्राट</ref> ने शिफ़ा<ref>रोग से छुटकारा</ref> पाई
</poem>
{{KKMeaning}}
Delete, Mover, Uploader
894
edits