भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शहीद / मेरा रंग दे बसंती चोला" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
छो () |
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) छो |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
}} | }} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | + | मेरा रंग दे बसंती चोला, माए रंग दे | |
− | + | मेरा रंग दे बसंती चोला | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
+ | दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है | ||
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है | एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है | ||
देख के वीरों की क़ुरबानी अपना दिल भी बोला | देख के वीरों की क़ुरबानी अपना दिल भी बोला | ||
+ | मेरा रंग दे बसंती चोला ... | ||
− | + | जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे | + | |
जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे | जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे | ||
− | आज उसी को पहन के निकला | + | आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला |
− | + | मेरा रंग दे बसंती चोला ... | |
− | + | ||
− | हम मस्तों का टोला | + | |
− | मेरा रंग दे बसंती चोला | + | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
<poem> | <poem> |
01:47, 20 मार्च 2010 का अवतरण
रचनाकार: प्रेम धवन |
मेरा रंग दे बसंती चोला, माए रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला
दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...
जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...