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"दर्द का रिश्ता / कौन हूँ मैं क्या नाम है मेरा" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: <poem> क्या नाम है तुम्हारा तुम किधर से आय, बोलो ना, बोलो बोलो (कौन हूँ …)
 
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क्या नाम है तुम्हारा
 
क्या नाम है तुम्हारा
तुम किधर से आय, बोलो ना, बोलो बोलो  
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तुम किधर से आई हो, बोलो ना, बोलो बोलो  
  
(कौन हूँ मैं, क्या नाम है मेरा, मै कहाँ से आई हूँ
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कौन हूँ मैं, क्या नाम है मेरा, मैं कहाँ से आई हूँ
मैं परीयों की शेह्जादी मैं आस्मान् से आई हूँ) - (२)
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मैं परीयों की शहज़ादी, मैं आसमान से आई हूँ ...
न जापानि गुडीया हूँ न मैं बंगाल् का जादु हूँ - (२)
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ढुन्ड रहे हो सब जिसको मैं वही तुम्हारी खुश्बु हूँ
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न जापानी गुड़िया हूँ न मैं बंगाल का जादू हूँ
उडकर सीधि मैं जन्नत् के गुल्सितां से आई हूँ
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ढूँढ रहे हो सब जिसको मैं वही तुम्हारी खुश्बु हूँ
मैं परीयो की शेहजादी मैं आस्मान से आई हूँ
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उड़कर सीधी मैं जन्नत के गुल्सितां से आई हूँ
खान् चाचा और चौबे दादा आपस मे क्युँ लडते हो - (२)
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मैं परियों की शहजादी ...
  
मैने उनको देखा है तुम जिनकी किताबे पढते हो
+
ख़ान चाचा और चौबे दादा आपस मे क्युँ लड़ते हो
राम रहिम् वही रेहते है मैं जहा से आई हूँ
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मैंने उनको देखा है तुम जिनकी किताबें पढ़ते हो
मैं परीयो कि शेहजादी मैं आस्मान से आई हूँ
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राम रहीम वहीं रहते हैं मैं जहाँ से आई हूँ
एक दिन् मैने देखा ?? स्वर्ग के पेहरेदारों को - (२)
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मैं परियों की शहजादी ...
  
तोता मैना वाली कहानी होगी यार हजारों को
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इक दिन मैंने देखा सोते स्वर्ग के पेहरेदारों को
मैं उस तोता मैनावालि दास्तां से आई हूँ
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तोता मैना वाली कहानी होगी याद हज़ारों को
मैं परीयो की शेहजादी मैं आस्मान् से आई हूँ
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मैं उस तोता मैना वाली दास्तां से आई हूँ
 
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मैं परियों की शहजादी ...
कौन हूँ मैं, क्या नाम है मेरा, मै कहाँ से आई हूँ
+
मैं परीयों की शेह्जादी मैं आस्मान् से आई हूँ
+
 
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ला ला ला ला ला ला ला.................
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04:06, 20 मार्च 2010 का अवतरण

रचनाकार: हसरत जयपुरी                 

क्या नाम है तुम्हारा
तुम किधर से आई हो, बोलो ना, बोलो बोलो

कौन हूँ मैं, क्या नाम है मेरा, मैं कहाँ से आई हूँ
मैं परीयों की शहज़ादी, मैं आसमान से आई हूँ ...

न जापानी गुड़िया हूँ न मैं बंगाल का जादू हूँ
ढूँढ रहे हो सब जिसको मैं वही तुम्हारी खुश्बु हूँ
उड़कर सीधी मैं जन्नत के गुल्सितां से आई हूँ
मैं परियों की शहजादी ...

ख़ान चाचा और चौबे दादा आपस मे क्युँ लड़ते हो
मैंने उनको देखा है तुम जिनकी किताबें पढ़ते हो
राम रहीम वहीं रहते हैं मैं जहाँ से आई हूँ
मैं परियों की शहजादी ...

इक दिन मैंने देखा सोते स्वर्ग के पेहरेदारों को
तोता मैना वाली कहानी होगी याद हज़ारों को
मैं उस तोता मैना वाली दास्तां से आई हूँ
मैं परियों की शहजादी ...