Changes

{{KKRachna
|रचनाकार=ग़ालिब
|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
दहर<ref>संसार</ref> में नक़्श-ए-वफ़ा वजह-ए-तसल्ली न हुआ
है यह वो लफ़्ज़ कि शर्मिन्दा-ए-माअ़नी<ref>सार्थक</ref> न हुआ
दहर में नक़्शसब्ज़ा-ए वफ़ा वजह-ख़त<ref>गालों पर आती नई दाढ़ी</ref> से तेरा काकुल-ए तसल्ली न हुआ -सरकश<brref>(यहाँ पुरुष की)ज़ुल्फ की लट</ref> न दबा है यह वह लफ़्ज़ कि शर्मिन्दहज़मुर्रद<ref>नीलम (पत्थर)</ref> भी हरीफ़े-ए मनी न हुआ दमे-अफ़ई<brref>साँप की फुंकार के बराबर<br/ref>न हुआ
सब्ज़हमैंने चाहा था कि अन्दोह<ref>दुःख</ref>-ए ख़त -वफ़ा से तिरा काकुल-ए सर-कश न दबा <br>छूटूं यह ज़ुमुर्रुद वह सितमगर मेरे मरने पे भी हरीफ़-ए दम-ए अफ़`ई राज़ी न हुआ <br><br>
मैं ने चाहा था कि अन्दोहदिल गुज़रगाह<ref>राही</ref>-ए वफ़ा से छूटूं -ख़याले-मै-ओ-साग़र<brref>शराब और प्याला की सोच</ref> ही सही वह सितमगर मिरे मरने पह भी राज़ी न हुआ गर नफ़स<brref>सांस<br/ref>जादा-ए-सर-मंज़िल-ए-तक़वी<ref>भक्ति की मंजिल का रास्ता</ref> न हुआ
दिल गुज़रहूँ तेरे वादा न करने में भी राज़ी कि कभीगोश<ref>कान</ref> मिन्नत-गाह-ए ख़याल-ए मै-ओ-साग़र ही सही कशे<brref>आभारी</ref>गर नफ़स जादह-ए सर-मन्‌ज़िलगुलबांग-ए तक़्वी न हुआ-तसल्ली<brref>सांत्वना की मधुर ध्वनि<br/ref> न हुआ
हूं तिरे व`दह न करने में भी राज़ी कि कभी<br>गोश मिन्नत-कशकिससे महरूमी-ए गुलबांग-ए तसल्ली न हुआ क़िस्मत<brref>दुर्भाग्य<br/ref>की शिकायत कीजे हम ने चाहा था कि मर जाएं, सो वह भी न हुआ
किस से महरूमी-ए क़िस्मत की शिकायत कीजे <br>हम ने चाहा था कि मर जाएं सो वह भी न हुआ <br><br> मर गया सदमहसदमा-ए -यक-जुन्बिशजुम्बिशे-लब <ref>एक बार होंठ हिलने का सदमा</ref> से ग़ालिब ना-तवानी<brref>दुर्बलता</ref>नातुवानी से हरीफ़<ref>सामना करना</ref>-ए -दम-ए `-ईसा <ref>ईसा की साँस</ref> न हुआ</poem>{{KKMeaning}}
Delete, Mover, Uploader
894
edits