Changes

मैं बहुत देर तक यूं ही चलता रहा, तुम बहुत देर तक याद आते रहे
ज़हर ज़ह्र् मिलता रहा ज़हर ज़ह्र् पीते रहे, रोज़ मरते रहे रोज़ जीते रहेजिंदगी ज़िंदगी भी हमें आज़माती रही, और हम भी उसे आज़माते रहे
ज़ख्म ज़ख़्म जब भी कोई ज़हन-ओज़ेह्नो-दिल पे लगा, तो जिंदगी ज़िंदगी की तरफ़ एक दरीचा खुला
हम भी गोया किसी साज़ के तार हैं, चोट खाते रहे गुनगुनाते रहे
कल कुछ ऐसा हुआ मैं बहुत थक गया, इसलिये सुन के भी अनसुनी कर गया
इतनी यादों के भटके हुए कारवांकारवाँ, दिल के जख्मों ज़ख़्मों के दर खटखटाते रहे
सख्त सख़्त हालात के तेज़ तूफानोंमें , गिर घिर गया था हमारा जुनूने-वफ़ाहम चिराग़े-तमन्ना़ तमन्ना जलाते रहे, वो चिराग़े-तमन्ना बुझाते रहे
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