Changes

{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=फ़ानी बदायूनी|संग्रह=}}<Poem>एक मोअ'म्मा <ref>पहेली</ref> है समझने का ना समझाने का<br>ज़िन्दगी काहे को है ख़्वाब है दीवाने का<br><br>
ख़ल्क़ कहती है जिसे दिल तेरे दीवाने का<br>एक गोशा <ref>कोना</ref> है यह दुनिया इसी वीराने का<br><br>
मुख़्तसर <ref>संक्षेप में</ref> क़िस्सा-ए-ग़म यह है कि दिल रखता हूँ<br>राज़-ए-कौनैन ख़ुलासा है इस अफ़साने का<br><br>
तुमने देखा है कभी घर को बदलते हुए रंग<br>आओ देखो ना तमाशा मेरे ग़मख़ाने का<br><br>
दिल से पोंछीं तो हैं आँखों में लहू की बूंदें<br>सिलसिला शीशे से मिलता तो है पैमाने का<br><br>
हमने छानी हैं बहुत दैर-ओ-हरम <ref>मंदिर और मस्जिद</ref> की गलियाँ<br>कहीं पाया न ठिकाना तेरे दीवाने का<br><br>
हर नफ़स <ref>सांस</ref> उमरे -गुज़िश्ता <ref>बीत चुका समय</ref> की है मय्य्त फ़ानीमय्यत<brref>मौत का मातम</ref> फ़ानी
ज़िन्दगी नाम है मर मर के जिये जाने का
</poem>
{{KKMeaning}}
Delete, Mover, Uploader
894
edits