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"तमन्‍ना फिर मचल जाए / जावेद अख़्तर" के अवतरणों में अंतर

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मुझे गम है कि मैने जिन्‍दगी में कुछ नहीं पाया
 
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ये ग़म दिल से निकल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
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नहीं मिलते हो मुझसे तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे
 
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ज़माना मुझसे जल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
  
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ये दुनिया भर के झगड़े, घर के किस्‍से, काम की बातें
 
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बला हर एक टल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
अगर तुम मिलने आ जाओ।
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19:15, 30 मार्च 2010 के समय का अवतरण

तमन्‍ना फिर मचल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ
यह मौसम ही बदल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ

मुझे गम है कि मैने जिन्‍दगी में कुछ नहीं पाया
ये ग़म दिल से निकल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ

नहीं मिलते हो मुझसे तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे
ज़माना मुझसे जल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ

ये दुनिया भर के झगड़े, घर के किस्‍से, काम की बातें
बला हर एक टल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ