Changes

{{KKCatKavita‎}}
<poem>
है हे क्रांति दृष्टा
तुमने आमूल बदल दिया
जीवन -पद्धति को
कहा इन्द्र-पूजा व्यर्थ है
बंद करा के इन्द्र पूजा
प्रेम का मूल्य सबसे बढ़कर है
स्त्रियों का सम्मान और स्वतंत्रता
प्रथम धारनीय धारणीय है
निर्भय वही है जो निर्लिप्त है
व्यक्तिगत महत्वकांक्षाऐ महत्वकाँक्षाएँ सर्वप्रथम त्याज्य है हैं
सत्य वह नहीं है जो हमने सुन कर माना हो
सत्य वही है जिसका हम आविष्कार करते हैं
है हे परम क्रन्तिकारी क्रान्तिकारी हम अल्पग्य अल्पज्ञ आज भी वहीँ खड़े हैं
जहाँ तुम्हारे समय थे
तुम अपने समय से कितना पहले
आए थे ?
है हे अग्रगामी
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,461
edits