{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल; तीन डग कविता / अवतार एनगिल
}}
{{KKCatKavita}}<poem>मनखान इस्पाती रानों वाले
उस पुरुष का नाम है
जिसकी कमर से लिपटे काले सांप
उन भूरे स्रोतों से
गुनगुना जोगिया दूध पीते हैं
औ' चै चैत की सोनल धूप में
एक-दूसरे का पीछा करते हैं-----