Changes

कौन है यह मनखान / अवतार एनगिल

71 bytes added, 10:41, 24 अप्रैल 2010
{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल; तीन डग कविता / अवतार एनगिल
}}
{{KKCatKavita}}
उन भूरे स्रोतों से
गुनगुना जोगिया दूध पीते हैं
औ' चै चैत की सोनल धूप में
एक-दूसरे का पीछा करते हैं-----