भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अच्छे दिन / एकांत श्रीवास्तव

86 bytes removed, 18:51, 26 अप्रैल 2010
उतरेंगे
हरे पेड़ों की
सबसे ऊंची ऊँची फुनगियों पर
और हम
बहेलिये के जाल से
अच्‍छे दिन दोस्‍त हैं
मिलेंगे
याञा यात्रा के किसी मोड़ पर
और हम
उनसे कभी न बिछुड़ने का
वादा करेंगे.करेंगे।
</poem>
--[[सदस्य:Pradeep Jilwane|Pradeep Jilwane]] 10:45, 24 अप्रैल 2010 (UTC)
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,382
edits