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बया / महादेवी वर्मा

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'''बया से'''लेखिका: [[महादेवी वर्मा]][[Category:कविताएँ]][[Category:महादेवी वर्मा]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
इन्दौर की छावनी में बया ही उनकी महादेवी जी की चिड़िया और उसका घोंसला ही उनके लिए कला प्रदर्शनी था। वे यह जान चुकी थीं कि उसके अंडे से बच्चे निकलेंगे, फिर जब उनके पंख निकल आयेंगे वे बया बन कर उड़ जायेंगे। वह अकेली होकर न रोये, यह उनकी चिन्ता थी। यह महादेवी जी के बचपन की रचना है।