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"सूरजमुखी का फूल / एकांत श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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16:28, 30 अप्रैल 2010 का अवतरण

फिर आ गये है फूल सूरजमुखी के
भोर के गुलाबी आईने में झांकते
चीन्‍हते
जानी-पहचानी धरती

जैसे द्वार पर पहुंचे हुए पाहुन
वे आ गये हैं
इस बार भी
अपने समय पर

जब सिर्फ सूचनाएं आ रही हैं हत्‍या की
बाढ़, अकाल और
महामारी में मरने वाले लोगों की
देखते-देखते एक बसे बसाये शहर के
धुएं और राख में बदलने की

ऐसे दुर्गम समय में
आ गये हैं
फूल सूरजमुखी के.