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छलावा
, '''आप अकेले हैं
और भीड जुटानी हैं
दाने फेंक दो
मुर्गियों की भीड
आपके दरवाजे पर हाजिर होगी।
मालूम नहीं दुनिया का दस्तुर
दाने फेंकना कला है
चुगनेवाले कौन है?
या आँगन किसका है?
इश्तहार की दुनिया में
बाजार लगा है बिकनेवालों का,
छलावा एक कला है,
छल करनेवालों की उमर बहुत लंबी होती हैं।
'''