भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKCatKavita}}
<poem>
यदि स्वर्ग कहीं है पृथ्वी पर, तो वह नारी के उर के भीतर,
::दल पर दल खोल हृदय के अस्तर
::जब बिठलाती प्रसन्न होकर
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits