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"चांद से अनगिनत इच्छाएँ / लाल्टू" के अवतरणों में अंतर

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अपने बालों में अनुभव करता हूँ
  
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चाँद ने काग़ज़ क़लम बढ़ाते हुए
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कविताएँ लिखने को कहा है<br>
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13:16, 24 मई 2010 का अवतरण

चाँद से अनगिनत इच्छाएँ साझी करता हूँ
चाँद ने मेरी बातें बहुत पहले सुन ली हैं
फिर भी कहता हूँ
और चाँद का हाथ
अपने बालों में अनुभव करता हूँ

चाँद ने काग़ज़ क़लम बढ़ाते हुए
कविताएँ लिखने को कहा है
सायरन बज रहा है ।