गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पानी और धूप / सुभद्राकुमारी चौहान
3 bytes removed
,
03:03, 29 मई 2010
अपने घर का दरवाजा़
उसकी माँ ने भी क्या उसको
बुला लिया
कहहकर
कहकर
आजा।
ज़ोर-ज़ोर से गरज रहे हैं
मुझे चमकती सी तलवार
तब माँ कर न कोई सकेगा
अपने
उपर
ऊपर
अत्याचार।
पुलिसमैन अपने काका को
Aditi kailash
53
edits