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|रचनाकार=अंशु मालवीय नचिकेता
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भोर की पहली किरण के गीत लिक्खूंलिक्खूँरोशनी के बांकपन के गीत लिक्खूंलिक्खूँ
कली की पहली
चटक के गीत लिक्खूंलिक्खूँ
नर्म टहनी की लचक के
गीत लिक्खूंलिक्खूँजले चूल्हे की अगन के गीत लिक्खूंलिक्खूँ
गीत लिक्खूंलिक्खूँ
फसल की अंगड़ाईयों के
फूल की बजती हुई
शहनाइयों के
समय के सच्चे सृजन के गीत लिक्खूंलिक्खूँ
गीत लिक्खूंलिक्खूँस्वप् स्वप्न के, उम्मीद के मैं
गीत होली-दिवाली के
ईद के मैं
राह पर बढ़ते चरण के गीत लिक्खूंलिक्खूँ
गीत लिक्खूंलिक्खूँ
प्यार के, संघर्ष के भी
आदमी की यातना के
हर्ष के भी
नये कल के आगमन के गीत लिक्खूंलिक्खूँ</poem>