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"किसी क्षण / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर

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'''किसी क्षण'''
 
 
 
 
मर गई चाची
 
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जैसे मरते हैं और लोग
 
जैसे मरते हैं और लोग

16:27, 6 जून 2010 के समय का अवतरण

मर गई चाची
जैसे मरते हैं और लोग

मर जाएंगे वो सब
जिनके साथ
मैं आज खेलता हूँ
लड़ता-झगड़ता हूँ
जिन्हें खूब प्यार करता हूँ

एक दिन
मर जाऊंगा मैं भी
जैसे मर जाएंगे बाकी लोग
1985