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"राजधानी में बैल 1 / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

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देर तक सिहरती रहती है उसकी त्वचा
 
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भीगता हूँ मैं
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01:07, 10 जून 2010 के समय का अवतरण

बादलों को सींग पर उठाए
खड़ा है आकाश की पुलक के नीचे

एक बूँद के अचानक गिरने से
देर तक सिहरती रहती है उसकी त्वचा

देखता हुआ उसे
भीगता हूँ मैं

देर तक ।