Changes

{{KKRachna
|रचनाकार=सुमित्रानंदन पंत
|संग्रह= गुंजन / सुमित्रानंदन पंत; पल्लविनी / सुमित्रानंदन पंत
}}
{{KKCatKavita}}
:रच-रच रूप नवीन,
तुम सुर-नर-मुनि-इप्सित-अप्सरि!
:त्रिभुवन भर में लीन।
अंग अंग अभिनव शोभा का
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits