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उदास तो है / विजय वाते

10 bytes added, 06:35, 11 जून 2010
<poem>
मेरा अहसास मेरे पास तो है,
दिल जो रोया नहीं उदास तो है|
सब समझते हैं जिसको परदेसी,
वो कहीं दिल के आस पास तो है |
राम इस दौर में कहाँ होंगे,
राम जैसा कोई लिबास तो है |
चल पड़ा है कोई हवा के खिलाफ,
कुछ नतीजा नहीं है आस तो है |</poem>
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