भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|विविध=साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित
}}
* [[यूँ ही बेसबब न फिरा करो / बशीर बद्र]]
* [[कोई फूल धूप की पत्तियों में / बशीर बद्र]]
* [[ये चिराग बेनज़र है ये सितारा बे ज़ुबाँ है / बशीर बद्र]]
* [[सियाहियों के बने हर्फ़ हर्फ़ धोते हैं / बशीर बद्र]]
* [[सुनो पानी में ये किसकी सदा है / बशीर बद्र]]
* [[दहकती धूप समुन्दर है ये जज़ीरे हैं / बशीर बद्र]]
* [[सब्ज़ पत्ते धूप की ये आग जब पी जाएँगे / बशीर बद्र]]
* [[ख़ुश्बू को तितलियों के परों में छिपाऊंगा / बशीर बद्र]]
* [[शोलए गुल, गुलाबे शोला क्या / बशीर बद्र]]
* [[ज़ख़्म यूँ मुस्कुरा के खिलते हैं / बशीर बद्र]]