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"मृत्यु / रमेश कौशिक" के अवतरणों में अंतर

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लेकिन
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जब वह आया
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तब मैंने अपने को
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सोता पाया।

11:25, 24 जून 2010 का अवतरण

मृत्यु

एक
क्षण विशेष के लिए
जिन्दगी भर मैं जागा
लेकिन
जब वह आया
तब मैंने अपने को
सोता पाया।