भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKShayar}}
<sort order="asc" class="ul">
* [[सुना है वो हमें भुलाने लगे है / ख़ुमार बाराबंकवी]]
* [[रुख़्सत-ए-शबाब / ख़ुमार बाराबंकवी]]
* [[वो खफा है तो कोई बात नहीं / ख़ुमार बाराबंकवी]]