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"दूसरा / चंद्र रेखा ढडवाल" के अवतरणों में अंतर
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स्वप्नों से | स्वप्नों से | ||
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पर केवल देखती ही नहीं | पर केवल देखती ही नहीं | ||
वह तो झेलती है | वह तो झेलती है | ||
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21:32, 16 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
दरख़्त की शाख़-शाख़ पर
गाती फिरती चिड़िया
पत्तों की छाँव में घोंसला
घोंसले में चहक नन्ही-सी
देखती आँखें भर जाती
स्वप्नों से
लहक उठतीं आस में
मुँद जातीं लाज से
. . . .
अंधड़ पानी
ढह जाता दरख़्त
टूटता घोंसला
चीख़ होती चटक
बदहवास उड़ती चिड़िया
देखती आँखें
डूब जातीं आँसुओं में
लौटती / बटोरती
तिनका-तिनका हुआ घोंसला
. . . .
औरत चाहती है
देखे
एक ही दृश्य
पर केवल देखती ही नहीं
वह तो झेलती है
पल-पल दूसरा.