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"क्या सिर्फ मुसलमानों के प्यारे हैं हुसैन / जोश मलीहाबादी" के अवतरणों में अंतर
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09:59, 18 जुलाई 2010 का अवतरण
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क्या सिर्फ मुसलमानों के प्यारे हैं हुसैन,
चर्खे नौए बशर के तारे हैं हुसैन,
इंसान को बेदार तो हो लेने दो,
हर कौम पुकारेगी हमारे है हुसैन