भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कौन इस राह से गुज़रता है / नासिर काज़मी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKRachna |रचनाकार=नासिर काज़मी }} Category:गज़ल कौन इस राह से गुज़रता है<br> दिल यूँ ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
20:35, 17 मई 2007 का अवतरण
कौन इस राह से गुज़रता है
दिल यूँ ही इंतज़ार करता है
देख कर भी न देखने वाले
दिल तुझे देख-देख डरता है
शहर-ए-गुल में कटी है सारी रात
देखिये दिन कहाँ गुज़रता है
ध्यान की सीढ़ियों पे पिछले पहर
कोई चुपके से पाँव धरता है
दिल तो मेरा उदास है "नासिर"
शहर क्यों सायें-सायें करता है