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अंतर्यात्रा / मंजुला सक्सेना

19 bytes added, 11:38, 7 सितम्बर 2010
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अंतर्यात्रा
 
शब्द छूटे भाव कि
अनुरागिनी में हो गयी .
देह छूती श्वास की अनुगामिनी
मैं हो गयी !
 
'''लेखन काल:२२-१-१९९८'''
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