गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
गीत-2 / मुकेश मानस
2 bytes added
,
13:43, 7 सितम्बर 2010
<poem>
सखे
!
मेरे गीतों में बस कर
इनको सुरमय कर देते
मन फिर से भर आया था तो
नेह जलधि भर आया था तो
आंसू
आँसू
अपनी
आंखों
आँखों
के सब मेरी
आंखों
आँखों
में भर देते, सखे………
साथी पंथी छूटे थे तो
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,675
edits