|संग्रह=
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[[Category:ग़ज़ल]]{{KKCatGhazal}}<poem>आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगावक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
इतना मानूस न हो ख़िल्वत-ए-ग़म से अपनी
तू कभी ख़ुद को भी देखेगा तो डर जाएगा
आँख से दूर न हो दिल तुम सर-ए-राह-ए-वफ़ा देखते रह जाओगेऔर वो बाम-ए-रफ़ाक़त से उतर जायेगा <br>वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जायेगा<br><br> जाएगा
इतना मानूस किसी ख़ंज़र किसी तलवार को तक़्लीफ़ न हो ख़िल्वत-ए-ग़म से अपनी <br>दोतू कभी ख़ुद को भी देखेगा मरने वाला तो डर जायेगा <br><br>फ़क़त बात से मर जाएगा
तुम सर-ए-राह-ए-वफ़ा देखते रह जाओगे <br>ज़िन्दगी तेरी अता है तो ये जानेवालाऔर वो बाम-ए-रफ़ाक़त से उतर जायेगा <br><br>तेरी बख़्शीश तेरी दहलीज़ पे धर जाएगा
ज़िन्दगी तेरी अता है तो ये जानेवाला <br>डूबते-डूबते कश्ती को उछाला दे दूँतेरी बख़्शीश तेरी दहलीज़ मैं नहीं कोई तो साहिल पे धर जायेगा <br><br>उतर जाएगा
डूबते डूबते कश्ती तो ओछाला दे दूँ <br>मैं नहीं कोई तो साहिल पे उतर जायेगा <br><br> ज़ब्त लाज़िम है मगर दुख है क़यामत का "फ़राज़"<br>ज़ालिम अब के भी न रोयेगा तो मर जायेगा <br>जाएगा<br/poem>