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"मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी हैं.. / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर

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मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी है  
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मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी है  
मोहब्बत नाम जिसका है, ये उसने दी निशानी है
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मोहब्बत नाम है जिसका, उसी की ये निशानी है
 
   
 
   
क़ज़ा ही लगती है आसां, अगर जीना जुदाई में  
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क़ज़ा ही लगती है आसां, ये जीना क्या जुदाई में
मिटाना है मुझे खुद को, उसे यादें मिटानी है
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मिटाना है मुझे खुद को, कईं यादें मिटानी है
  
वफ़ा के वादे हैं टूटे, ज़रा सी बात पर रूठे  
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वफ़ा के वादे हैं टूटे, ज़रा सी बात पर रूठे  
 
सज़ा बन जाती है कुरबत, अजब दिल की कहानी है
 
सज़ा बन जाती है कुरबत, अजब दिल की कहानी है
  
मिटा कर नक्श कदमों के, बने अंजान हम फिर से  
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मिटा कर नक्श कदमों के, बने अंजान हम फिर से  
मिले शायद कभी हंस कर, कि लंबी ज़िंदगानी है  
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मिलें शायद कभी हम-तुम, कि लंबी ज़िंदगानी है
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वफ़ा के नाम पे 'श्रद्धा' न हो कुर्बान अब कोई 
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कहानी हीर-रांझा की पुरानी थी, पुरानी है
  
कहाँ क़ुरबान होता है, कोई भी संग में  “श्रद्धा”
 
ये बातें हीर-रांझे की,  हुई कब से पुरानी है
 
 
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22:15, 18 अक्टूबर 2010 का अवतरण

मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी है
मोहब्बत नाम है जिसका, उसी की ये निशानी है
 
क़ज़ा ही लगती है आसां, ये जीना क्या जुदाई में
मिटाना है मुझे खुद को, कईं यादें मिटानी है

वफ़ा के वादे हैं टूटे, ज़रा सी बात पर रूठे
सज़ा बन जाती है कुरबत, अजब दिल की कहानी है

मिटा कर नक्श कदमों के, बने अंजान हम फिर से
मिलें शायद कभी हम-तुम, कि लंबी ज़िंदगानी है

वफ़ा के नाम पे 'श्रद्धा' न हो कुर्बान अब कोई
कहानी हीर-रांझा की पुरानी थी, पुरानी है